बीते हुए लम्हों को भुलाता ही चला जा
जागे हुए जज्बों को सुलाता ही चला जा
मैं अपनी वफ़ाओंसे इबादत करुँ तेरी,
तू अपनी जफ़ाओंसे रुलाता ही चला जा
सजदे में सर झुकाया तो मैंने सुनी सदा,
काँटों में भी फूलों को खिलाता ही चला जा
मैं तुझको भूलने की करुँ लाख कोशिशें,
तू याद मुझे अपनी दिलाता ही चला जा
परवाना बनके दिल तेरी महफ़िल में आ गया
तू बनके शमा दिल को जलाता ही चला जा
हैं 'रूह' के सीने में अभी बाकी धड़कनें,
तू गम का जहर यूँही पिलाता ही चला जा
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