शनिवार, 2 मई 2009

पयाम

इस दिल में कोई फूल खिला है अभी अभी
मुझको तेरा पयाम मिला है अभी अभी

किस रोशनी से जगमगा रहा है घर मेरा
उम्मीद का चराग जला है अभी अभी

खिलती हुई कली ने मुझे दी है ये ख़बर
दिलका हसीन राज खुला है अभी अभी

राहों में मेरी फूल बिछाए बहार ने
यूँ कोई मेरे साथ चला है अभी अभी

आया है चाँद आसमां से दिल में उतरके
आँखों में तेरा प्यार पला है अभी अभी

ऐ रूह, दिल बिछाके रख सनम की राह में
एक कारवां खुशी का चला है अभी अभी

2 टिप्‍पणियां:

  1. Hello
    your poetries are very nice keep it up
    can i ask u your email id for discussing about jao part2 exams, iam also working in bsnl my mail id ibrahim_bsnl@yahoo.com cell 09441104786

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  2. ऐ रूह, दिल बिछाके रख सनम की राह में
    एक कारवां खुशी का चला है अभी अभी .............. bahut khoob subhan allah , kahane ko koi alfaz nahi hai !!!

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